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- रहकर तुझसे दूर , कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा मैंने ना होंठ हिले ,
ना आवाज़ आई फिर भी हर वक़्त तुझको पुकारा मैंने - कही मिले तो उसे यह कहना
गए दिनों को भुला रहा हूँ…
वह अपने वादे से फिर गया है
मैं अपने वादे निभा रहा हूँ….. - हक़ीक़त जान लो जुदा होने से पहले ,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले ,
ये सोच लेना भुलाने से पहले ,
बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले। - सिलसिले की उम्मीद थी उनसे ,
वही फाँसले बढ़ाते गए ,
हम तो पास आने की कोशिश में थे।
ना जाने क्यों वह हमसे दूरियाँ बढ़ाते गए। - हमारे लिए उनके दिल में चाहत ना थी ,
किसी ख़ुशी में कोई दावत ना थी ,
हमने दिल उनके कदमों में रख दिया ,
पर उन्हें ज़मीन देखने की आदत ना थी - कुछ कदम हम चले ,
कुछ कदम तुम चले ,
फर्क सिर्फ इतना रहा ,
हम चले तो फाँसलेकाम होते गए ,
और तुम चले तो फाँसले बढ़ते गए। - काश वो समझते इस दिल की तड़प को ,
तो हमें यूँ रुसवा ना किया जाता ,
बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें ,
एक बार बस हमें समझ लिया होता। - सपना कभी साकार नहीं होता ,
मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता ,
सब कुछ हो जाता है दुनिया में ,
मगर दुबारा किसी से सच्चा प्यार नहीं होता। - वो मुझसे बिछड़ कर अब तक नहीं रोया ,
कोई तो हमदर्द है उसका ,
जिसने मेरी याद तक ना आने दी। - कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में ,
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं ,
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको ,
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं। - उसके इंतज़ार के मारे हैं हम ,
बस उसकी यादों के सहारे हैं हम ,
दुनिया जीत कर क्या करना है अब ,
जिसे दुनिया से जीता था ,
आज उसी से हारे हैं हम। - मंज़िल है, तो रास्ता क्या है ,
हौंसला है तो , फांसला क्या है ,
वो सजा देकर दूर जा बैठे ,
किस्से पूछूँ मेरी खता क्या है ? - मंज़िल है, तो रास्ता क्या है ,
हौंसला है तो , फांसला क्या है ,
वो सजा देकर दूर जा बैठे ,
किस्से पूछूँ मेरी खता क्या है ? - तन्हाईओं का सफर हर हद पार करता चला गया ,
हम करते रहे गुनाह उन्हें पाने की ख्वाइशों का ,
वो बन बेखबर किसी ओर की बाँहों में सिमटा चला गया। - ख्वाइश तेरी हमेशा रहेगी ,
चाहत तेरी हमेशा रहेगी ,
चाह कर भी कभी भूल ना पाऊँगा तुझे ,
तुझे याद करने की फिदरत मेरी हमेशा रहेगी। - ज़िन्दगी है नादान इसलिए चुप हूँ ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ ,
कह दूँ ज़माने से दास्तान अपनी ,
उसमें आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ। - करुँ तो कैसे करूँ खुद को काबिल तेरे लिए ,
अगर बदलूँ आदतें तो तेरी शर्ते बदल जाती हैं,
दूर करना हो खुदसे तो कोई तुझसे सीखे ,
बेचैनी में तेरी , पूरी पूरी रात ढल जाती है ,
सब टूट के बिखर जाता है आशिक़ों का इस दौर में ,
यहां २-३ हफ्तों में तो माशूका तक बदल जाती है। - वक़्त – वक़्त का पता नहीं ,
आज यहाँ हैं , कल का पता नहीं ,
यूहीं चलते रहना है हम सभी को ज़िन्दगी में ,
क्यूंकि वक़्त है जो कभी रुकता नहीं। - ना मिलता गम तो बर्बादी के अफ़साने कहाँ जाते ,
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते ,
चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई गैर तो निकला ,
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते। - मेरा वजूद तेरे वजूद से जुड़ा था ,
तू मेरे ख्वाब का एक एहम पहलू था ,
तुझसे जुड़े मेरी ज़िन्दगी के सपने थे ,
तुम ही मेरे अपनों से ज्यादा अपने थे ,
साथ छोड़ के जाना ही अगर था तुम्हे तो ,
क्यों संजोये सपने मेरे साथ जो अपने थे। - दिल लगाना छोड़ दिया हमने ,
आँसू बहाना छोड़ दिया हमने ,
बहुत खा चुके धोखा प्यार में ,
मुस्कुराना इसलिए छोड़ दिया हमने। - महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया
तन्हाई में रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया। - नाराज़ क्यों होते हो ?
चले जायेंगे तुम्हारी महफ़िल से ,
लेकिन पहले मुझे मेरे दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो।
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